Hy दोस्तों कैसे हो आप सब आशा करता हु सब अच्छे होंगे तो टाइटल देखकर समज गए होंगे की आज की हमारी पोस्ट किस टॉपिक पर होने जी हा ! आज हम इस article में कुछ बेहतरीन बेवफा शायरी लेकर आया हु । अगर आपका भी दिल 💔 किसी ने तोडा है तो यहाँ आपके लिए शायरी का बहुत अच्छा कलेक्शन है जो की इस आधार पर है | आजकल के लड़के लड़किया प्यार 🌹 तो कर लेते हैं लेकिन अपने प्यार को ज्यादा दिनों तक चला नही पाते हैं। प्यार 💕 करना सही हैं लेकिन प्यार 💖 को निभाना बहुत मुश्किल हैं। एक से दो साल के लंबे relationship 💞के बाद ये लोग अलग हो जाते हैं और एक नई relationship 💞 बनाने में लग जाते हैं। और आपका दिल टूट जाता है !
Bewafa Shayari in Hindi
मेरे दिल की धड़कनों को थामा था तुमने,
पर फिर भी तुम बेवफ़ा होकर चले गए।
तुम्हारी तो फितरत थी सबसे मोहब्बत करने की,
में बेवजह खुद को खुशनसीब समझने लगा।
कैसे गलत कह दूँ तेरी बेवफाई को,
यही तो है जिसने मुझे मशहूर किया है।
अगर दुनिया में जीने की चाहत ना होती,
तो खुदा ने मोहब्बत बनाई ना होती,
लोग मरने की आरज़ू ना करते,
अगर मोहब्बत में बेवाफ़ाई ना होती।
एक अजीब सा मंजर नज़र आता है,
हर एक आंसू समंदर नज़र आता हैं,
कहाँ रखूं मैं शीशे सा दिल अपना,
हर किसी के हाथ मैं पत्थर नज़र आता हैं।
bewafa shayari
नजरों से वार किया तूनेदिल पे घाव दिए हरे हरे,
आके देख कभी आए बेवफाहम अब तक नहीं मरे….!
तेरी बेवफाई ने मुझको रुला दिया,
दिल को शिकवा है तुझ से क्या करूं,
तू ही तो था मेरी जिंदगी का मकसद,
पर तुझ से जुदा होना पड़ गया,
तेरे प्यार का एहसास था मुझे,
मगर तुझसे बिछड़ना पड़ गया,
तेरी बेवफाई ने मुझे छीना है,
अब तो तुझ्से मिलने की भी मुझमें आस नही है,
तेरे प्यार में जिंदगी भर का साथ मांगा था,
मगर तेरी बेवफाई ने मुझे छोड़ दिया,
अब तो जिंदगी में कुछ नही बचा,
बस तेरी यादों में ही बीत ती है है रात,
तेरी मोहब्बत का था मैं दीवाना,
पर तूने दी है बेवफ़ाई की सज़ा।
चाहत का रंग था जो था रंग तेरे दिल का,
वो रंग तूने धो दिया, बन गई बेवफ़ाई का आइना।
शायरी बेवफा इन हिंदी
कैसे गलत कह दूँ तेरी बेवफाई को,
यही तो है जिसने मुझे मशहूर किया है।
प्यार में मेरा इस कदर टूटना तो लाजमी था,
काँच का दिल था और मोहब्बत पत्थर से की थी।
बहुत उम्मीद की थी तुझको पाने की
तेरे संग सुहाने सपनों को सजाने की
क्यों समझ न पाया तेरे फरेबी बातों को
कोई कसर न छोड़ी तूने मुझे मिटाने की I
न प्यार रहा न तकरार रहा
न चाहत रही न इन्तजार रहा
मोहब्बत का सिला इस कदर मिला
दिल में जख्मों का पूरा समन्दर मिला I
फ़र्ज़ था जो मेरा निभा दिया मैंने,
उसने माँगा वो सब दे दिया मैंने,
वो सुनके गैरों की बातें बेवफ़ा हो गयी,
समझ के ख्वाब उसको आखिर भुला दिया मैंने।
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