Best 200+ Bewafa Shayari in Hindi

Hy दोस्तों कैसे हो आप सब आशा करता हु सब अच्छे होंगे तो टाइटल देखकर समज गए होंगे की आज की हमारी पोस्ट किस टॉपिक पर होने जी हा ! आज हम इस article में कुछ बेहतरीन बेवफा शायरी लेकर आया हु । अगर आपका भी दिल 💔 किसी ने तोडा है तो यहाँ आपके लिए शायरी का बहुत अच्छा कलेक्शन है जो की इस आधार पर है | आजकल के लड़के लड़किया प्यार 🌹 तो कर लेते हैं लेकिन अपने प्यार को ज्यादा दिनों तक चला नही पाते हैं। प्यार 💕 करना सही हैं लेकिन प्यार 💖 को निभाना बहुत मुश्किल हैं। एक से दो साल के लंबे relationship 💞के बाद ये लोग अलग हो जाते हैं और एक नई relationship 💞 बनाने में लग जाते हैं। और आपका दिल टूट जाता है !

Bewafa Shayari in Hindi

मेरे दिल की धड़कनों को थामा था तुमने,
पर फिर भी तुम बेवफ़ा होकर चले गए।
Bewafa Shayari in Hindi
तुम्हारी तो फितरत थी सबसे मोहब्बत करने की,
में बेवजह खुद को खुशनसीब समझने लगा।
कैसे गलत कह दूँ तेरी बेवफाई को,
यही तो है जिसने मुझे मशहूर किया है।
अगर दुनिया में जीने की चाहत ना होती,
तो खुदा ने मोहब्बत बनाई ना होती,
लोग मरने की आरज़ू ना करते,
अगर मोहब्बत में बेवाफ़ाई ना होती।
Bewafa Shayari in Hindi
एक अजीब सा मंजर नज़र आता है,
हर एक आंसू समंदर नज़र आता हैं,
कहाँ रखूं मैं शीशे सा दिल अपना,
हर किसी के हाथ मैं पत्थर नज़र आता हैं।

bewafa shayari

नजरों से वार किया तूनेदिल पे घाव दिए हरे हरे,
आके देख कभी आए बेवफाहम अब तक नहीं मरे….!
तेरी बेवफाई ने मुझको रुला दिया,
दिल को शिकवा है तुझ से क्या करूं,
तू ही तो था मेरी जिंदगी का मकसद,
पर तुझ से जुदा होना पड़ गया,
तेरे प्यार का एहसास था मुझे,
मगर तुझसे बिछड़ना पड़ गया,
तेरी बेवफाई ने मुझे छीना है,
अब तो तुझ्से मिलने की भी मुझमें आस नही है,
bewafa shayari
तेरे प्यार में जिंदगी भर का साथ मांगा था,
मगर तेरी बेवफाई ने मुझे छोड़ दिया,
अब तो जिंदगी में कुछ नही बचा,
बस तेरी यादों में ही बीत ती है है रात,
तेरी मोहब्बत का था मैं दीवाना,
पर तूने दी है बेवफ़ाई की सज़ा।
चाहत का रंग था जो था रंग तेरे दिल का,
वो रंग तूने धो दिया, बन गई बेवफ़ाई का आइना।

शायरी बेवफा इन हिंदी

कैसे गलत कह दूँ तेरी बेवफाई को,
यही तो है जिसने मुझे मशहूर किया है।
प्यार में मेरा इस कदर टूटना तो लाजमी था,
काँच का दिल था और मोहब्बत पत्थर से की थी।
शायरी बेवफा इन हिंदी
बहुत उम्मीद की थी तुझको पाने की
तेरे संग सुहाने सपनों को सजाने की
क्यों समझ न पाया तेरे फरेबी बातों को
कोई कसर न छोड़ी तूने मुझे मिटाने की I
न प्यार रहा न तकरार रहा
न चाहत रही न इन्तजार रहा
मोहब्बत का सिला इस कदर मिला
दिल में जख्मों का पूरा समन्दर मिला I
 फ़र्ज़ था जो मेरा निभा दिया मैंने,
उसने माँगा वो सब दे दिया मैंने,
वो सुनके गैरों की बातें बेवफ़ा हो गयी,
समझ के ख्वाब उसको आखिर भुला दिया मैंने।

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