मैं तुमपर प्यार नहीं जताता हूं,
रूठने पर भी नहीं मानता हूं,
पर तुम सोच भी नहीं सकती,
इतना मैं तुम्हें चाहता हूं।
तुझे क्यों लगता है कि तेरी परवाह नहीं है,
तुझे क्यों लगता है कि तुझसे प्यार नहीं है,
तेरा ऐसा सोचना बिल्कुल भी सही नहीं है,
तेरे होने से है मेरा होना, तू नहीं तो मेरी जान नहीं है।
सांसें रुक सी जाती हैं तेरे जाने से,
अब न तड़पाओ आ जाओ बहाने से,
मैं जीता हूं तुमसे ही,
मान जाओ न इतना मानाने से।
मुस्कुराहट से अपनी सबके होश उड़ा देती हो,
हम होश में कैसे आएं, तुम फिर मुस्कुरा देती हो।
कभी अदाएं दिल चुराने की, तो कभी दिल मे बस जाने की,
बनाया है आपको चांद जैसा और ख्वाहिश हमारी है चांद को पाने की।
लड़को को मनाने वाली शायरी
अजनबी की तरह मिले ओर उलफत हो गयी,
अजनबी दोस्त ऐसा मिले की दोस्ती हो गयी,
सच्ची दोस्ती का इरादा था उनसे,
लेकिन मुझे उनसे सच्ची मुहब्बत हो गयी
जरुरत नही मुझे तुम्हारी तारीफ़ करने की,
मैं लायी ही हूँ तुम्हे लाखो में चुन कर।
जानते है सब फिर भी अंजान बनते है,
इस तरह वो हमें परेशान करते है,
पूछते है हमसे की तुम्हे क्या पसंद है,
खुद जवाब होकर ये सवाल करते है!
न जिद है और न ही कोई गुरूर है हमे,
बस तुम्हारे प्यार को पाने का सुरूर है हमे,
इश्क अगर गुनाह है तो गलती की हमने,
अब सजा जो भी दो वो मंजूर है हमे।
बहुत उदास है ये दिल तेरे जाने से,
हो सके तो लौट के आजा किसी बहाने से,
तू लाख खफा हो पर एक बार तो देख ले,
टूट कर बिखर गया ये दिल तेरे रूठ जाने से।
रूठे को मनाने वाली शायरी
चोरी-चोरी दिल को चुराना तेरा,
रूठ कर बैठ जाना तेरा,
प्यार से मानना मेरा,
कितना हसीन है न ये रिश्ता हमारा।
प्यार तुझसे बेपनाह है,
मेरा दिल बेगुनाह है,
मैंने तुझे नहीं सताया है,
तेरा रूठना बेवजह है।
मेरी सांसें चलती है तुझसे,
मेरा जीवन है तुझसे,
अब मान भी जाओ,
गलती हो गई थी मुझसे।
पढ़ते रहें रुठने मनाने की शायरी I
रूठा हूं तुझसे इस बात की खबर नहीं है,
मेरे दिल पर क्या गुजर रही है,
इस बात की तुझे खबर नहीं है,
तू मनाएगी ये उम्मीद लेकर बैठा हूं दिल में,
तू कहती है तुझे मेरे खफा होने की खबर नहीं है।