तुम्हारे जाने के बाद मेरा ये दिल घबरा रहा है,
न जाने क्यों, पर तुम्हें खोने का डर सता रहा है,
वापस लौट आओ तुम ओ मेरी जान,
बिना तुम्हारे अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है।
न घर का ठिकाना था, न किसी मंजिल का था पता,
अनजाने में ही सही पर हुई है हमसे इक खता,
जो हो गए वो हमसे इस कदर खफा,
अब न सताओ इस बेचैन दिल को,
मान जाओ तुम, न दो मुझे अब ऐसी सजा।
जो रूठ गए तुम, तो हम पल भर में मना लेंगे,
दूर जाओगे जो हमसे तो पास ले आएंगे,
कह कर तो देखो ए-मेरी-जान हमसे तुम,
तुम्हारे लिए इस जहान को भी दुश्मन बना लेंगे।
माफी मांगता हूं मैं तुमसे, जो मैंने तुम्हें रुसवा किया है,
हर मोड पर रहूंगा तेरे साथ, आज ये मैंने खुद से वादा किया है।
कोसो दूर है हमसे चांद फिर भी हम उसके नूर पर फिदा हैं,
न जानें क्यों वो हमसे रूठ कर दूर जाकर बैठा है,
हम अनजानी गलती की सजा पाने को उनके इंतजार में बैठे हैं।
वाइफ को मनाने के लिए शायरी
किस्मत और पत्नी भले ही परेशान करती हो
लेकिन जब साथ देती है तो जिन्दगी बदल जाती है I
पति-पत्नी ने गर अपने रिश्ते को नहीं सींचा,
तो घर बन जाएगा बिना फूलों का बगीचा I
हर पति-पत्नी की होती है यही कहानी
तू देता है सुकून और तुझमें है मस्ती रूहानी I
हजारो महफिल है,लाखो मेले है,
पर जहां तुम नही, वहां हम नही I
तुमसे लड़ते-झगड़ते है और नाराजगी भी रखते हैं,
पर तुम्हारे बिना जीने का ख्याल नहीं रखते हैं I
पत्नी के लिए दो लाइन
मुझे उस वक़्त तुम पे और भी ज्यादा प्यार आता है,
जब मेरे कहने से पहले ही
तुम मेरे दिल की बात को अपनी जुबां से कह देती हो !
न कोई पल सुबह, न कोई पल शाम हैं,
हर पल हर लम्हा आपके नाम हैं,
इसे सिर्फ शायरी न समझ लेना,
ये आपके लिए हमारे प्यार का पैगाम हैं !
जो ना मिला अब तक जिंदगी में गवाकर,
वो सब मैंने पा लिया एक तुझको पाकर !
लड़ते-झगड़ते, नाराज होते कट जाते हैं उनके रास्ते,
जो मियां-बीवी एक-दूसरे की गलती माफ कर दें हंसते-हंसते।
मियां-बीवी में हो जाए कोई अनबन,
बढ़ने लगे जब दूरियों की तपन,
तब भूल के सारी दुनियादारी,
एक को दिखानी चाहिए समझदारी।
देखते ही खिल उठती है तबीयत मेरी,
लगता है मेरे हर रोग की दवा हो तुम।